Saturday 5 November 2011

अरे हकाल्बा काहे परेशान कर रहा है लम्बुआ को



अरे भाई लोग भोजपुरी फिलिम में बहुते राजनीति चल रहा है , सब एक दूसरा को निचा दिखने में लगा रहता है.. अब उ हकालवा को देखो ..उसका कई गो दुश्मन है पहला है उ गंजा ( नहीं समझे वोही पटना वाला ) दूसरा लम्बुआ ( बम्बई  वाला ) . अब हुआ का लम्बुआ और हक्लावा दूनू एगो अंग्रेजी का तथाकथित ट्रेड पत्रिका ( हम इसीलिए ऐसा लिख रहे हैं काहे की उसमे विज्ञापन दो तो फ्लोपो फिल्म को वो हीट कर देता है ) हाँ ता हम बता रहे थे उसमे हकालवा एगो कालम चलाता है जिसमे निरहुआ, जूनियर निरहुआ, पवन सिंह, कभी कभी रबी किशन और मनोज तिवारी का भी न्यूज़ छपता है. अब लम्बुआ का भी इच्छा हुआ की उ भी अपना आदमी का न्यूज़ उसमे छपवाए. लेकिन सफल नहीं हो पाया ..अब उसको गुस्सा आ गया और हकाल्वा के मोबाइल पर सन्देश भेजा की बोलना उसको तुम्हरे पत्रिका में हमरे किसी आदमी का विज्ञापन नहीं जायेगा. अब हक्लावा फटाफट पत्रिका के ऑफिस गया और सन्देश दिखाया ..सम्पादक महोदय को गुस्सा आया और दू सप्ताह तक लम्बुआ का एक्को न्यूज़ नहीं छापा अपना पत्रिका में ... अब लम्बुआ का सांस अटक गया. उसका फिलिम का एक्को न्यूज़ नहीं चप्पा .. वैसे भी ब्लेक्वा उसका न्यूज़ अपना ब्लॉग पर डालता नहीं है ..... अब उसको नानी याद आ गया .... भागा भागा गया सम्पादक के गोरवा पर गिर गया ... हाथ पैर जोड़ा .. तक जाके संपादक महोदय ने उसको माफ़ी दिया ... समझे नहीं आता है जब गोरबे पर गिरना था ता मेसेज्बा काहे भेजा हक्लावा को ... और का रे हकाल्वा काहे पीछे पडल है लम्बुआ के ... खाए पिए दो उसको भी अकेले अकेले खायेगा ता पेटवा कहाँ से कम होगा भाई .....

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